10.2.14

दिल धक-धक करने लगा...

इस मौसम में माधुरी दीक्षित की याद आ रही है और याद आ रहा है उनका गाया सुपर हिट गीत—दिल धक-धक करने लगा...। 

मैने घर-बाहर टटोला तो पाया कि मेरा ही नहीं, सभी का दिल धक-धका रहा है। जो दफ्तर में हैं उनका भी, जो बेरोज़गार सड़क पर घूम रहे हैं उनका भी। जो पढ़ रहे हैं उनका भी, जो पढ़ा रहे हैं उनका भी। गुरूजी समझा रहे हैं-मन लगाकर पढ़ों बच्चों परीक्षा की घड़ी निकट है!’ मगर आग दोनो तरफ बराबर भड़की हुई है। गुरूजी का ध्यान अपनी अधिक आयकर कटौती पर है तो विद्यार्थियों का अपने वेलेनटाइन पर।

घर से दूर पढ़ने वाले बच्चे, काम करने वाले लोग सभी परेशान हैं। दो दिन की छुट्टी में घर जाऊँ या नहीं? घर में त्योहार मनाने के एवज में होने वाले खर्च का हिसाब-किताब लगा रहे हैं। मौज की कीमत आंकी जा रही है। त्योहारों की सनसनाहट के बीच चुनाव के बादल भी गरज़ रहे हैं। बड़ा  दिल धड़काऊ, मन भड़काऊ, पंख फड़फड़ाऊ मौमस आया है!

दो पड़ोसन आपस में बतिया रही थीं....

पहली ने कहा- सुनिये न...आपके ससुर जी तो हमेशा कहा करते थे मेरा दिल धड़क रहा है मगर कल मैने सुना आपके श्रीमान जी भी? लगता है आपके घर होली अभिये आ गई!”

दूसरी ने हाथ नचाते हुए उत्तर दिया-क्यों? श्रीमान जी का सुन लिया! टिंकू का नहीं सुना ? वह भी तो आज स्कूल से आते ही बस्ता पटक कर बड़बड़ा रहा था-मेरा दिल धड़क रहा है!’

पहली आँखें फाड़कर उछली- अच्छा! टिंकू भी..वेलेनटाइन...!!!”

तुम्हारा सर। पिताजी दिल के मरीज हैं। इनके दफ्तर में काम का बोझ है। टिंकू परीक्षा से घबड़ा रहा है। होली मेरे घर में नहीं तुम्हारे कपार चढ़कर नाच रही है।

दोनो के झगड़े को सुनकर अपना दिल तो और भी धक-धक करने लगा। :)

…………………….

19 comments:

  1. वाह...सच में दिल धक धक करने लगा है आपका यह आलेख पढ़ कर...

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  2. दिल तो हमारा भी धक धक करने लगा था आपकी पोस्ट पढते-पढते कि पता नहीं अंत में क्या निकले. और मार्च के महीने में टैक्स के साथ वर्षांत लक्ष्यों की प्राप्ति, और अभी दो दिनों की हड़ताल में परिवार के साथ बिताए समय के साथ दो दिनों के वेतन की क़ुर्बानी की धकधक!! बस बाकी सब ठीक है!!
    गाना माधुरी दीक्षित ने महीं गाया था, उनपर फ़िल्माया गया था!! हा हा हा!!! (मज़ाक)

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    1. इतवार के दूसरे दिन हड़ताल वो भी दो दिन का ये तो कुछ ज्यादा हो गया हम ग्राहको के दिल कि धक् धक् सुनिये जिनके काम तिन दिन से अटके पड़े है , बैठ कर सर धुन रहे है :)

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  3. सबके दिल धड़का रहे हैं
    अपना दिल भी तो बतायें
    जनाब !
    कहाँ रख के आ रहे हैं :)

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  4. माधुरी पर फ़िल्माये गये उस गाने के नाम एक और रिकार्ड है, हमारे एक साथी ’जैन साहब’ की आंखों में चमक इसे देखते वक्त ही आई थी। सुबूत पेशे खिदमत है :) http://mosamkaun.blogspot.in/2010/11/blog-post_11.html

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  5. सबका दिल धकधका रहा है, आजकल।

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  6. वाह चकाचक धड़कन है!

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  7. धकधकाए रहिए हो , आप तो ओईसहिं इत्ता बेचैन रहते हैं फ़िर ई तो वासंती बयार का भी प्रभाव है । दिल्ली में फ़िलहाल तो "तडपाए तरसाए रे ...दिल्ली की सर्दी " ही गा बजा रहे हैं

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  8. दिल की धडकन तो परिस्थितियों के अनुसार धीमी और तेज होती है ...!
    RECENT POST -: पिता

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  9. दिल धड़क धड़क के कह रहा है ......

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  10. ऐसी धक-धकी तो लगी ही रहती है।

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  11. ये दिल भी बड़ा पागल है ! जाने किस बात पर धड़कने लगे !

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  12. सही है होली की मस्ती . . . .

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  13. दिल तो हर किसी का हर पल ही धडकता है जनाब.. न धडके तो क्या होगा...आप कल्पना कर सकते हैं..

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  14. दिल का तो काम ही धड़कना है जी | हाँ धक् धक् कभी कभी होती है :-)

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  15. भैलेंटाइन डे का त्योहार सबसे बड़ा त्योहार है,और इसमे ये दिल जोरों से धक्-धक् धक् धक् करने लगता है.

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