27.11.16

क्या करेंगे अँधेरा देखने वाले!

सोंचता हूँ
क्या करेंगे अँधेरा देखने वाले
अगर सत्ता उन्हीं की हो?
फाँसी चढ़ा देंगे जिन्होंने छपाई की नहीं पक्की
या बाँट देंगे घरों में मशीने
छाप लो नोटें अपने मन मर्जी
क्या करेंगे?
कोंच देंगे कलम को बायें गाल पर चाँद के
या तोड़ देंगे नोक
सो रहेंगे चैन से अंधेरी गुफा में!
क्या करेंगे ?
तोड़ देंगे मंदिर हमारे
गाढ़ देंगे उगते सूर्य को भी
गहरे कुएँ में!
क्या करेंगे?
मंत्री उन्हीं के हों
राजा उन्ही का हो
क्या करेंगे अँधेरा देखने वाले
अगर सत्ता उन्हीं की हो?

3 comments:

  1. बत्तियाँ गुल करेंगे
    और क्या करेंगे
    अँधेरा करेंगे
    हर उजाले को
    अन्दर करेंगे
    जेलें भरेंगे ।

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  2. एक नई क्रांति मुहाने पर हैं ...बस अब जगी कि तब जगी

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  3. अगर सत्ता उन्हीं की हो ... ये 'अगर'बहुत से 'मगरों' को खोज लाता है .

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