12 तक 11 था
अगले ही पल 12 था
अब 12 कहे
तेरा करूँ
दिन गिन गिन के
इंतजार
आजा प्यारे
13 हमार।
रतिया जगाये
कम्पूटर हमें
भिनसहरे उठाये
मोबाइल हमें
बाहर जो निकला
कि घूमूं जरा
बारिष ने चौचक
भिगोया हमें
सूरज दिखा ना नये
साल का
समझा ना मतबल इस
बवाल का
सोचा चलो अब
ब्लॉगिंग करें
स्वागत करें हम
नये साल का
14 भी आयेगा
15 भी आयेगा
16 भी आयेगा
एक दिन वो आयेगा
रहोगे ना तुम
और रहेंगे ना हम
दुनियाँ से
मिटेगा
कभी भी ना गम
कहेंगे सभी पर
चूकेंगे ना
तेरा करूँ
दिन गिन गिन के
इंतजार
आजा प्यारे
फलाने हमार।
................................
नये साल में
बूंदा-बांदी
काटो राजा घर
में चाँदी
बीबी प्यार
करेगी चौचक
छोड़ो गर
ब्लागिंग का चक्कर
वह तो कहती कई
जनम से
तेरा करूँ....
तेरा करूँ
दिन गिन गिन के
इंतजार
आग लगे ब्लॉगिंग
तोहार।
..............................
नमस्कार !
नये साल में
मिले सभी को
प्रिय का
भरपूर प्यार
आप पहिले दिन हमको
पढ़े
इसके लिए
ढेर सारा आभार
आयेंगे आपके
ब्लॉग पर भी
बाहर बरसात हो
रही है
अउर दफ्तर में छुट्टी
है
कितना करेंगे
बीबी से प्यार !
नमस्कार।
Nice post .
ReplyDeleteरब की मर्ज़ी यह है कि इंसान कोई जुर्म न करे, कोई पाप न करे, वह धरती में ख़ुद भी शांति के साथ रहे और दूसरों को भी शांति के साथ रहने दे। जिसका जो हक़ बनता है उसे अदा करे और किसी पर कोई ज़ुल्म ज़्यादती न करे बल्कि जहां भी ज़ुल्म ज़्यादती हो वहां हद भर उसे मिटाने की कोशिश करे। वह बोले तो अच्छी बात बोले वर्ना चुप रहे। रब की मर्ज़ी यह है कि इंसान अपने हरेक रूप में ख़ुद को अच्छा बनाए। पति-पत्नी, मां-बाप, औलाद, पड़ोसी, जज, हाकिम और सैनिक, जितने भी रूप हैं उन सबमें वह अच्छा हो। उसकी शरारत से लोग सुरक्षित हों। उसके पड़ोस में कोई भूखा न सोता हो। अपने माल को वह ग़रीब, अनाथ और ज़रूरतमंदों पर भी ख़र्च करता हो और बदले में उनसे कुछ न चाहता हो, शुक्रिया तक भी नहीं। रब यह चाहता है कि बंदा यह सब करे और मेरे कहने से करे और सिर्फ़ मेरे लिए ही करे।
लोग ऐसा करें तो समाज से ऊंचनीच, छूतछात, वेश्यावृत्ति, नशाख़ोरी, दहेज हत्या, कन्या भ्रूण हत्या आदि जरायम का मुकम्मल सफ़ाया हो जाएगा। भय, भूख, अन्याय और भ्रष्टाचार का ख़ात्मा ख़ुद ब ख़ुद हो जाएगा। उनके लिए अलग से कोई आंदोलन चलाने की ज़रूरत ही नहीं है। जब तक लोग ऐसा नहीं करेंगे तब तक वे कुछ भी कर लें, इनमें से कुछ भी ख़त्म होने वाला नहीं है और शांति आने वाली नहीं है।
शांति हमारी आत्मा का स्वभाव और हमारा धर्म है।
शांति ईश्वर-अल्लाह के आज्ञापालन से आती है।
नया साल आ गया है,
नए मौक़े लेकर आया है,
सबको नव वर्ष की शुभकामनाएं।
नव वर्ष
ReplyDeleteलाये जीवन में उत्कर्ष,हर्ष : -)
अरे भाई ये तो बवाल है। हम लोगों का तो ठीक है। मुला जो बीबी-विहीन हैं उनके लिये ई पोस्ट लागू नहीं होगी का?
ReplyDeleteनया साल मुबारक!
(१)
ReplyDeleteइस बारिश का पहला दिन जो बेचैनों के प्रथम प्रेम सा
इस लम्हें को भुगत रहे हम सन ग्यारह से शादी जैसा
(२)
नया साल चाहे घर में रह ,भजिये जुगाड़ कर
बाहर का चक्कर छोड़ अपनी पत्नी से लाड़ कर
अनुप शुक्ल...
ReplyDeleteजिनके पास बीबी नहीं है
उनको प्यार का नहीं हाहाकार
उनको तो मिल रहा
सभी प्रकार का भरपूर प्यार
वे तो
नख से शिख तक
माता-पिता
औजाई भौजाई से लेकर
यहां वहां
गर्ल फ्रेंड ब्वाय फ्रेंड तक
आकंठ प्यार में डूबे हैं
प्यासे तो वहीं हैं
जहाँ गहरा कुआँ खुदा है।
waah !
ReplyDeletenaye saal me subah subah maze kara diye aapne.........
badhiya kavita ...badhaai !
पत्नी की तुलना बाकी से करना है बिल्कुल बेकार,
ReplyDeleteबाकी सब अस्थायी हैं, पत्नी की स्थाई है प्यार।
बीबी है बेसिक पे जैसी,बाकी सब उसके चलते हैं,
बेसिक पे गर होती है,उससे ही मिलतेबाकी भत्ते हैं।
बाकी का हाहाकारी है,बीबी का आहिस्ते वाला है,
बीबी का मुफ़्त आईटम है,बाकी में पिटे दीवाला है।
ब्लोगिंग या बीबिंग ?
ReplyDeleteमुश्किल सवाल है ।
चलिए दोनों में सामंजस्य बनाने की कोशिश की जाए ।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
Well done .
ReplyDeleteसभी पाठकों और संरक्षकों को नववर्ष की मंगलकामनायें!
भाषा और प्रेज़ेन्टेशन सभी कुछ दिलकश !!
http://shekhchillykabaap.blogspot.com/
नववर्ष के स्वागत का
ReplyDeleteयह नूतन अंदाज़
हा हा हा बहुत अच्छा।
ReplyDeleteगए साल पर, नए साल पर बढ़िया रचनाएँ! ऐसा ही रचनात्मक रहे पूरा 2012! यही कामना....
ReplyDelete@ अनूप जी
ReplyDeleteमन्नू की अस्थाई है,परमानेंट है बीवी की सरकार !
अच्छी-खासी ब्लॉगिंग भी उसके आगे बलिहार !
रतिया भिनसारे तो ब्लॉग्गिंग करे,
ReplyDeleteबाकी समय में मोबाइल चले,
आज बरस गयीं बुनिया तो ये
आया मुआ मोरे अंचरा तले..
धूप खिली होती तो आज मेरे यार
भागा रहता मेरा भतार!!
तेरा करूँ दिन गिन गिन के इंतज़ार
आजा पिया आयी बहार!!
/
लगे रहिये पांडे जी!! मगर लास्ट में इमोसनल करने वाले छंद डालकर खामखाह सेंटीमेंटल कर देते हैं!!
पांडे जी!
ReplyDeleteहमारी संवेदना के स्वर से की गयी काव्यात्मक टीप कहीं विलुप हो गयी है २०११ की तरह.. कृपया स्पैम से उद्धार करें और २०१२ में प्रकट करें!!
नया साल का पहला दिन हास्य-दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन आपने खूब हास्य बिखेरा है।
ReplyDeleteनव-वर्ष की आपको सपरिवार शुभकामनाएं!!!
आदरणीय सलिल जी...
ReplyDeleteबारिष के कई साइड इफेक्ट एकसाथ काम कर रहे हैं। कमेंट स्पैम में घुस जा रहा है..नेट गुम हो जा रहा है..बत्ती गुल हो जा रही है..कहीं मजा, कहीं कबाड़ा होय रहा है। आपकी टीप तो बड़ी जोरदार है गुम हो जाती तो हमहूँ बैचैन हो जाते।
प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । नव वर्ष की अशेष शुभकामनाएं । धन्यवाद ।
ReplyDeleteये नही बोली भाभी जी
ReplyDeleteकि एक तारीख हुई,
कब लाएगा पगार,
तेरा करू बिल गिन-गिन के इन्तजार :)
आपको एक बार पुन; नव-वर्ष की हार्दिक बधाइयां !
बहोत अच्छा लगा आपका ब्लॉग पढकर ।
ReplyDeleteनया हिंदी ब्लॉग
हिन्दी दुनिया ब्लॉग
बूंद-बूंद इतिहास पर पुन: आगमन की अपेक्षा है।
ReplyDeleteआपका सुझाव कार्यान्वित हुआ।
शुभकामनाएं।
ReplyDeletenaye sal ki shubhkamnae ....
ReplyDeleteलीजिये आज एक बेलवरिया लोकगीत के बोल बताता हूँ आपको-
ReplyDeleteब्लागर के न जाब... खाइ जहर मरि जाबै
नैहर माँ बोकरी चरउबै सब लौंडन से नैना लड़उबै
मुला ब्लागर के न जाब... खाइ जहर मरि जाबै ... :)
बहुत बहुत शुभ कामनाएँ
PADMSINGH...
ReplyDeleteहा हा हा...इसे सुनना पड़ेगा, गुनकर इसी धुन में कविता लिखनी पड़ेगी। पहल आप करेंगे कि मुझे ही..?
बहुत ही खुबसूरत नयी आशा नयी मुराद के साथ ये नया साल खुशियों भरा हो|
ReplyDeleteबहुत सुंदर,
ReplyDeleteनया साल आपके जीवन को प्रेम एवं विश्वास से महकाता रहे,
मेरी नई पोस्ट --"नये साल की खुशी मनाएं"--
ati sundar...
ReplyDeleteनव वर्ष मंगलमय हो !
बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ....
वाह देवेन्द्र जी क्या कहने ... २०११ तो चला गया ... २०१२ भी आ गया ... बारिश भी है और छुट्टी भी है ... अब आगे होने वाला है ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर... वाह!
ReplyDeleteसादर बधाई और नूतन वर्ष की सादर शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर.आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteब्लागिंग है अपरम्पार ,आजा पिया पल पल हमार ,तोहरा करे हम इंतज़ार ,आग लगे ब्लागिंग तोहार .....
ReplyDeletebadiya vichar..
ReplyDeletenaye saal ki shubhkamnayen!
वाह .....बहुत खूब
ReplyDeleteनववर्ष की ढेरों शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनायें|
आग लगे ब्लॉग्गिंग तोहार ...आग बुझाने को हम बैठे हैं तैयार !
ReplyDeleteजय जय ....नववर्ष की शुभकामनाएं !
अति सुन्दर..
ReplyDelete